आज का टॉपिक है पदार्थ एवं उसकी अवस्थाएं
पदार्थ कहे या द्रव्य (Matter) लगभग समान होता है
द्रव्य (Matter)- द्रव्य वह है जो स्थान घेरता है तथा जिसमें द्रव्यमान होता है मतलब जो हमारे आसपास विद्यमान है वो सब द्रव्य है जिसे इन्द्रियों द्वारा महसूस किया जा सके द्रव्य कहलाता है
उदाहरण-लकड़ी, घर, पेड़, पेन, कागज आदि
पदार्थ (Substance)- वैसे तो पदार्थ और द्रव्य लगभग समान होते है लेकिन पदार्थ की अवस्था में ऊर्जा द्वारा परिवर्तन लाया जा सकता है तथा जिसे विभाजित किया जा सकता है
निश्चित गुण एवं संघटन वाले द्रव्यों को ही पदार्थ कहते है
उदाहरण- जल, सोना, कागज, स्याही आदि
द्रव्य की अविनाशिता या द्रव्यमान संरक्षण का नियम-यह नियम फ्रांस के रसायन शास्त्री लेवासिये ने सन 1789 ई में दिया…
इस नियम के अनुसार-
द्रव्य न तो उत्पन्न किया जा सकता है या न ही उसका विनाश किया जा सकता है बस उसके स्वरूप को परिवर्तित किया जा सकता है कहने का मतलब है द्रव्यमान अपरिवर्तित रहता है द्रव्य की अविनाशिता का नियम कहलाता है
द्रव्य/पदार्थ का वर्गीकरण-
द्रव्य को मुख्यतः दो भागों में बांटा गया है-
● भौतिक रूप से
● रासायनिक रूप से
भौतिक रूप से-
द्रव्य की बाह्य या भौतिक संरचना के आधार पर इसे तीन भागों में बांटा गया है ठोस, द्रव व गैस इसके अलावा दो अवस्थाएं और होती है प्लाज्मा व बोस आइंस्टीन कंडेनसेट
■ ठोस (Solid)-जिन पदार्थों के आकार तथा आयतन निश्चित होते है ठोस कहलाते है तथा इनका द्रव्यमान भी निश्चित रहता है ये असंपीड्य व कठोर होते है इनके अणु सबसे ज्यादा पास पास होते है
ये दो प्रकार के होते है क्रिस्टलीय ठोस व अक्रिस्टलीय ठोस
उदाहरण- लकड़ी, बर्फ आदि
■ द्रव (Liquid)-द्रव का आयतन निश्चित परन्तु आकार अनिश्चित होता है मतलब जिस पात्र में इसे रखा जाता है उसी का आकार ले लेता है तथा यह बह सकता है इसके अणु ठोस से थोड़े दूर दूर होते है
उदाहरण- पानी, दूध, अल्कोहल आदि
■ गैस (Gas)-गैस अवस्था में पदार्थ का न तो आयतन निश्चित होता है न ही आकार , आयतन व आकार दोनों अनिश्चित होते है ये जिस बर्तन के रखे जाते है उसी का पूरा आयतन व आकार दोनो ग्रहण कर लेते है तथा इनके अणु सबसे ज्यादा दूर दूर होते है
उदाहरण- वायु, ऑक्सीजन, जल वाष्प आदि
■ प्लाज्मा (आयनीकृत गैस)-
प्लाज्मा के गुण ठोस, द्रव या गैस के गुणों से काफी विपरीत हैं और इसलिए इसे पदार्थ की एक भिन्न अवस्था माना जाता है। प्लाज्मा आमतौर पर, एक तटस्थ-गैस के बादलों का रूप ले लेता है, जैसे सितारों में। गैस की तरह प्लाज्मा का कोई निश्चित आकार या निश्चित आयतन नहीं होता जब तक इसे किसी पात्र में बंद न कर दिया जाए लेकिन गैस के विपरीत किसी चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में यह एक फिलामेंट, पुंज या दोहरी परत जैसी संरचनाओं का निर्माण करता है।
यह आसानी से मिलने वाली अवस्था नही है इसे सूर्य या सितारों में देखा जा सकता है
■ बोस आइंस्टीन कंडेनसेट-
पदार्थ एक एक ऐसी अवस्था जिसमें बोसॉन की तनु गैस को परम शून्य ताप तक ठंडा किया जाता है इस स्थिति में अधिसंख्य बोसॉन निम्नतम क्वांटम अवस्था में चले जाते है इसे ही बोस आइंस्टीन संघनन कहते है
इस अवस्था की सबसे पहले खोज सत्येंद्र नाथ बोस ने की थी
● रासायनिक रूप से-
द्रव्य को रासायनिक संघटन के आधार पर इसे दो भागों में बांटा गया है-
शुद्ध पदार्थ व अशुद्ध पदार्थ
■ शुद्ध पदार्थ-
रसायन विज्ञान में शुद्ध पदार्थ वह होता है जिसमें उपस्थित सभी कण समान रासायनिक प्रकृति के हो, एक शुद्ध पदार्थ समान प्रकार के कणों से मिलकर बना होता है
इसके दो प्रकार होते है-
A. तत्व (Element)
B. यौगिक (Compound)
तत्व एक समान कण (एक प्रकार के परमाणु) से बने होते है तथा यौगिक दो या दो से अधिक कणों से मिलकर बने होते है (यह एक निश्चित अनुपात में मिलाने पर बनते है)
★ तत्व तीन प्रकार के होते है-
● धातु (Metal)
● अधातु (Non Metal)
● उपधातु (Sub Metal)
उदाहरण- सोडियम, पोटेशियम, ऑक्सीजन आदि
★ यौगिक दो प्रकार के होते है-
● कार्बनिक यौगिक (Organic Compound)
● अकार्बनिक यौगिक (Inorganic Compound)
उदाहरण- जल, कार्बन डाइऑक्साइड आदि
■ अशुद्ध पदार्थ-
वे द्रव्य जो दो या दो से अधिक भिन्न प्रकार के द्रव्यों को किसी भी अनुपात में मिला देने पर बनते है तथा जिन्हें अलग भी किया जा सकता है मिश्रण कहलाते है
उदाहरण- चीनी व जल का मिश्रण
अशुद्ध पदार्थ दो प्रकार के होते है-
● समांगी मिश्रण (Homogeneous Mixture)-
जिसके प्रत्येक भाग में अवयवी पदार्थों का संघटन व गुण पूर्ण रूप से समान होता है
जैसे- जल में नमक का मिश्रण
● विषमांगी मिश्रण (Heterogeneous Mixture)-जिसमें विभिन्न भागों में उसके अवयवी पदार्थों का संघटन एवं गुण एक से नही होते है असमांगी मिश्रण कहलाते है
जैसे- नाले का गंदा पानी, वायु आदि
Imp. Fact-
● सूर्य एवं तारे प्लाज्मा अवस्था में पाए जाते है
● ठोस से द्रव में परिवर्तन को गलन कहते है
● द्रव से गैस में परिवर्तन उर्ध्वपातन (Sublimation) कहलाता है
● गैस का सीधे ठोस में परिवर्तन निक्षेपण या डिपॉजिशन कहलाता है
● द्रव का गैस में परिवर्तन वाष्पीकरण कहलाता है
● द्रव को ठोस में परिवर्तन हिमीकरण कहलाता है
विलयन ,निलंबन व कोलाइड का अध्ययन अगले अंक में करेंगे
विलयन, निलंबन व कोलॉइड में अंतर
धन्यवाद
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