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प्रत्यास्थता, प्रतिबल, आर्किमिडीज का सिद्धांत, बरनौली प्रमेय आदि कुछ महत्वपूर्ण टॉपिक


स्वागत है एक बार फिर से,

आज हम भौतिक विज्ञान के कुछ मिश्रित type के टॉपिक के विषय मे बताने जा रहे है यदि आपने पिछला content नही पढा है तो उसे पहले पढ़ ले…


प्रत्यास्थता (Elasticity)-

जब किसी वस्तु पर बाह्य बल लगाया जाए और उसमें विकृति आ जाये परन्तु बल हटाते ही वह अपने मूल अवस्था मे आ जाये यह गुण ही प्रत्यास्थता कहलाता है


प्रतिबल और विकृति के अनुपात को उस वस्तु के पदार्थ का प्रत्यास्थता गुणांक कहते है

इसका मात्रक न्यूटन/m2 होता है


रबड़ की अपेक्षा स्टील अधिक प्रत्यास्थ होता है


प्रतिबल (Stress)-

किसी वस्तु के एकांक अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर कार्यरत आंतरिक प्रतिक्रिया बल को प्रतिबल कहते है

इसका मात्रक भी न्यूटन/m2 या पास्कल होता है


आर्किमिडीज का सिद्धांत-

जब वस्तु किसी द्रव में पूरी या आंशिक रूप से डुबोई जाती है तो उसके भार में कमी आ जाती है भार में यह कमी उस वस्तु द्वारा हटाये गए द्रव के भार के बराबर होती है


इसी सिद्धांत के कारण हवाई जहाज समुद्र में तैरता है जबकि एक सुई पानी मे डूब जाती है


बरनौली प्रमेय-

जब कोई आदर्श द्रव किसी नली में तरल धारा रेखीय प्रवाह में बहता है तो उसके मार्ग के प्रत्येक बिंदु पर उसके एकांक आयतन की कुल ऊर्जा (दाब ऊर्जा, गतिज ऊर्जा एवं स्थितिज ऊर्जा) का योग नियत रहता है


रडार (Radar)-

रडार का full form होता है-

Radio Detecting and Ranging

रडार का उपयोग वायुयान जलयान या किसी भी गतिमान वस्तु की दूरी ऊंचाई ,दिशा ,चाल आदि पता लगाने के लिए किया जाता है

इसमें सूक्ष्मतरंगो का उपयोग किया जाता है


धन्यवाद


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