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तरंगे (Waves) किसे कहते हैं? यह कितने प्रकार की होती है प्रघाती तरंगे, प्रगामी व अप्रगामी तरंगे क्या है?


Hello दोस्तो ,

स्वागत है एक बार फिर से

आज हम बताने जा रहे हैं तरंग (Waves) के विषय में, अगर आपने पिछली पोस्ट नही पढ़ी है तो कृपया उन्हें पहले पढ़ ले….


तरंग- तरंग वह विक्षोभ है जिसके माध्यम से ऊर्जा का संचरण एक स्थान से दूसरे स्थान पर होता है

अर्थात तरंगे ऊर्जा को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाती है चाहे वो ध्वनि ऊर्जा हो या विकिरण ,उष्मीय ऊर्जा हो !

तरंग का अर्थ है- "लहर"


तरंगों के प्रकार- 

तरंगे मुख्यता दो प्रकार की होती है-

(1). यांत्रिक तरंगे (Mechanical waves)

(2).  विद्युत चुम्बकीय तरंगे (Electro-Magnetic Waves)


यांत्रिक तरंगे-ये मुख्यता दो प्रकार की होती है-

●अनुदैर्ध्य तरंगे (Longitudinal waves)

●अनुप्रस्थ तरंगे (Transverse Waves)


यांत्रिक तरंगे के बारें में हम इससे पहले पढ़ चुके हैं अगर नही पढ़ा है तो इसे पूरा पढ़े यांत्रिक तरंगे क्या होती है? अनुप्रस्थ और अनुदैर्ध्य तरंगे इत्यादि


अब हम टॉपिक को आगे बढाते है और विद्युतचुम्बकीय तरंगों के विषय में बताते हैं-


विद्युत चुम्बकीय तरंगे-

वे तरंगे जिनके संचरण के लिए माध्यम की आवश्यकता नही होती है विद्युत चुम्बकीय तरंगे कहलाती है 

उदाहरण- प्रकाश तरंगे, गामा किरणें, ऊष्मा तरंगे, रेडियो तरंगे आदि


गुण-

विद्युत चुम्बकीय तरंगे प्रकाश के वेग से गति करती है तथा यह तरंगे फोटोन से मिलकर बनी होती है इनका अवधारणा या खोज मैक्सवेल ने की थी,

इन पर कोई आवेश नही होता तथा यह उदासीन होती है यह संवेग और ऊर्जा दोनो लेकर चलती है

इनकी तरंग दैर्ध्य 10-14 मीटर से 104 मीटर तक होती है प्रकाश की चाल 3×108 m/sec होती है !


विद्युत चुम्बकीय तरंगों के प्रकार-

यह मुख्यता आठ प्रकार की होती है:-

●गामा किरणें

●एक्स किरणें

●पराबैगनी किरणें 

●दृश्य प्रकाश

●अवरक्त विकिरण

●सूक्ष्म तरंगे (माइक्रो तरंगे)

●रेडियो तरंगे


Note- कैथोड किरणें, कैनाल किरणें, अल्फा किरणें व बीटा किरणें ,ध्वनि तरंगे और पराश्रव्य तरंगे विद्युत चुम्बकीय तरंगे नही है


★ गामा किरणें (Gamma Ray)- इनकी खोज हेनरी बैकुरल ने की थी 

आवृत्ति- 1020-1024 Hz

तरंग दैर्ध्य- 10-12 मीटर से कम

उपयोग-नाभिकीय अभिक्रिया और कृत्रिम रेडियोधर्मिता में किया जाता है एवं इसका उपयोग कैंसर जैसे रोग में भी होता है


★ एक्स किरणें (X-Ray)- इनकी खोज विलियम रोंगटन ने की थी

आवृत्ति- 1017-1020 Hz

तरंग दैर्ध्य-10-10 मीटर

उपयोग- इसका उपयोग चिकित्सा में होता है तथा औद्योगिक क्षेत्र में भी किया जाता है


पराबैगनी किरणें (Ultraviolet Ray)-इनकी खोज जोहान विल्हेम रिटर ने की थी 

आवृत्ति-1015-1017 Hz

तरंगदैर्ध्य-10-8 मीटर

उपयोग-सिकाई करने, प्रकाश वैद्युत प्रभाव उत्पन्न करने व वैक्टीरिया नष्ट करने में आदि


★ दृश्य प्रकाश ( Visible Light)- इसकी खोज आइजैक न्यूटन ने की थी

आवृत्ति- 4×1014- 7.5×1014 Hz

तरंगदैर्ध्य- 4000A-8000A (0.5×10-6मीटर)

उपयोग- इसका उपयोग वस्तुओं को देखने में किया जाता है


★ अवरक्त विकिरण (Infra-Red Radiation)- इसकी खोज सर विलियम हरशैल ने की थी

आवृत्ति- 1013-1014Hz

तरंग दैर्ध्य- 10-5 मीटर

उपयोग- इसका उपयोग कोहरे में फोटोग्राफी आदि के लिए किया जाता है


★ सूक्ष्म तरंगे (Micro Waves)- इनकी खोज पर्सी स्पेंसर ने की थी

आवृत्ति- 109-1013 Hz

तरंग दैर्ध्य- 10-2 मीटर

उपयोग- कुकिंग में ,रडार में भी आदि


★ लघु और दीर्घ रेडियो तरंगे ( short and Long Redio waves)- लघु रेडियो तरंगों की खोज विलियम हर्ट्ज ने की थी तथा दीर्घ रेडियो तरंगों की खोज मारकोनी ने की थी

आवृत्ति- 103-109 Hz

तरंग दैर्ध्य- 103 मीटर से ज्यादा

उपयोग- रेडियो में ,टीवी में ,संचार में आदि


महत्वपूर्ण बिंदु-

■ अगर हम इन तरंगों को आवृत्ति के बढ़ते क्रम में रखे तो-


दीर्घ रेडियो तरंगे < लघु रेडियो तरंगे < सूक्ष्म (माइक्रो तरंगे) < अवरक्त विकिरण < दृश्य प्रकाश < पराबैगनी किरणें < एक्स किरणें < गामा किरणें


अगर हम इन तरंगों को तरंग दैर्ध्य के बढ़ते क्रम में रखे तो-


गामा किरणे < एक्स किरणें < पराबैगनी किरणें < दृश्य प्रकाश < अवरक्त विकिरण < सूक्ष्म (माइक्रो तरंगे) < लघु रेडियो तरंगे < दीर्घ रेडियो तरंगे


दृश्य प्रकाश- दृश्य प्रकाश जो हमारी आंखों से दिखाई देता है तथा सूर्य से प्राप्त होता है सूर्य से प्राप्त प्रकाश में सात रंग होते हैं-

बैगनी (V), जामुनी (I), नीला (B), हरा (G), पीला (Y) , ऑरेंज (O), लाल ( R)


तरंगे दैर्ध्य के बढ़ते क्रम में-

 VIBGYOR


लाल रंग का प्रकीर्णन सबसे कम तथा बैंगनी रंग का प्रकीर्णन सबसे ज्यादा होता है



प्रघाती तरंगे (Shock waves)- यदि किसी पिंड की वायु में चाल ध्वनि की चाल से अधिक हो तब इसे 'पराध्वनिक' चाल कहते हैं और ये पिंड अपने पीछे विक्षोभ का एक शंक्वाकार क्षेत्र छोड़ता जाता है जोकि बराबर फैलता जाता है इस प्रकार के विक्षोभ को 'प्रघाती तरंगे' कहते हैं

जब समुद्र में मोटरबोट ध्वनि से भी तेज चाल से चलती है तो जल के तल पर प्रघाती तरंगों की भांति ही उत्पन्न होती है जिन्हें 'बो तरंगे' कहते हैं


प्रगामी तरंगे (Progressive Waves)-

जब किसी माध्यम में प्रगामी तरंगे संचरित होती है तो किसी भी क्षण माध्यम के सभी कण एक ही प्रकार के कम्पन्न करते हैं परंतु कम्पन्न की कला एक कण से दूसरे कण पर बदल जाती है 

●इनमें तरंगों द्वारा माध्यम में ऊर्जा का संचरण होता है

● ये तरंगे माध्यम में एक निश्चित वेग से आगे बढ़ती चली जाती है


अप्रगामी तरंगे (Stationary Waves)-

जब दो एक जैसी अनुप्रस्थ अथवा अनुदैर्ध्य प्रगामी तरंगे किसी बद्ध माध्यम में एक ही चाल से, परन्तु विपरीत दिशा में चलती है तो उनके अध्यारोपण से एक नई प्रकार की तरंग उत्पन्न हो जाती है जो माध्यम में स्थिर प्रतीत होती है इस तरंग को 'अप्रगामी तरंग' कहते हैं 

माध्यम के कुछ बिंदु स्थायी रूप से विरामावस्था में होते हैं उन्हें निस्पंद (Nodes) कहते हैं तथा कुछ बिंदु अन्य बिंदुओं के सापेक्ष विस्थापित होते रहते हैं उन्हें प्रस्पंद (Antinodes) कहते हैं

● इन तरंगों द्वारा ऊर्जा का संचरण नही होता

● ये तरंगे माध्यम में दो सीमाओं के बीच स्थिर रहती है


धन्यवाद


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