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आज हम बात कर रहे हैं ऊष्मा के विषय में
ऊष्मा (Heat)- किसी गर्म वस्तु से ठंडी वस्तु में तापान्तर के कारण स्थानान्तरण होने वाली ऊर्जा को ही ऊष्मा कहते हैं
किन्ही दो वस्तुओं या वस्तु के दो भागों के मध्य तापान्तर के कारण ऊर्जा का स्थानान्तरण ऊष्मा कहलाता है
■ ऊष्मा ऊर्जा का ही एक रूप है
■ ऊष्मा का अर्थ है- संचरण 【 ऊष्मा हमेशा उच्च ताप से निम्न ताप की ओर प्रवाहित होती है】
ऊष्मा ऊर्जा का वह रूप है जिससे हम गर्मी अनुभव करते हैं ऊष्मा से सम्बंधित विज्ञान को थर्मोडायनामिक्स कहते हैं
उदाहरण- अगर हम एक कप चाय बनाये तो उसका ताप करीब 80-90℃ तक होता है और अगर इसे कमरे में रख दे थोड़ी देर के लिए तो इसमे ऊष्मा का संचरण हो जाता है और वो वातावरण में फैल जाती है , चाय का तापमान कमरे के ताप अर्थात 26℃ तक आ जाता है
अर्थात ताप कम हुआ वो ऊष्मा के संचरण से ही हुआ !
मात्रक- कैलोरी, किलोकैलोरी, और जूल है
1 कैलोरी = 4.18 जूल= 4.2 जूल
1 किलोकैलोरी = 4.18×103 जूल
Q कैलोरी ऊष्मा, W जूल कार्य के तुल्य हो तब
W = 4.18 Q
ऊष्मा और कार्य में अंतर- जब ऊर्जा एक पिंड से दूसरे पिंड में तापान्तर के कारण स्थानांतरित होती है तब स्थानांतरित होने वाली ऊर्जा 'ऊष्मा' कहलाती है दूसरी ओर जब ऊर्जा- स्थानांतरण पिंडो के तापान्तर पर निर्भर नही करता तब उनके बीच स्थानांतरित होने वाली ऊर्जा 'कार्य' कहलाती है
ऊष्मा संचरण-
अब बात करते हैं कि ऊष्मा का संचरण कितने प्रकार से हो सकता है,
यह तीन विधियों से होता है-
● चालन (Conduction)- जब किसी एक वस्तु के दो या दो से अधिक भागो में तापान्तर होता है तो वस्तु के ऊंचे ताप वाले कण अपने निकट के नीचे ताप वाले कणों को परस्पर सम्पर्क से ऊष्मा देते हैं ऊष्मा के इस संचरण की प्रक्रिया को "चालन" कहते हैं ठोसों में ऐसे ही संचरण होता है
इसमें कण अपने स्थान पर स्थिर रहते हैं
उदाहरण- एक धातु की छड़ को एक सिरे पर गर्म करते हैं तो धीरे धीरे उसका दूसरा सिरा भी गर्म हो जाता है
● संवहन (Convection)- द्रवों और गैसों में ऊष्मा का संचरण संवहन द्वारा ही होता है, जब किसी तरल पदार्थ (द्रव अथवा गैस) में किसी एक स्थान का ताप दूसरे स्थान की अपेक्षा बढ़ जाता है तो उस स्थान पर पदार्थ घनत्व दूसरे स्थान की अपेक्षा कम हो जाता है , अतः ज्यादा ताप वाले कण ऊंचे उठने लगते हैं तथा उनका स्थान कम ताप वाले कण लेने लगते हैं जब तब तक चलता रहता है जब तक सम्पूर्ण पदार्थ का ताप एक जैसा नही हो जाता , इस प्रक्रिया में कण स्थानांतरित होते हैं
उदाहरण- जब आप गैस चूल्हे पर चाय या पानी को गर्म करते हो तो देखते हो कि कुछ कण गर्म होकर ऊपर आ रहे हैं ,
हवा या समुद्र में भी तापमान बराबर करने के लिए हवा या पानी बहता है
● विकिरण (Radiation)- इस विधि में किसी माध्यम की आवश्यकता नही होती है इसमें गर्म स्त्रोत से ऊष्मा विद्युतचुम्बकीय तरंगों के रूप में संचरित होते हैं इसे 'विकिरण' कहते हैं
इसमें माध्यम न हो निर्वात हो तब भी सम्भव है
उदाहरण- सूर्य से ऊष्मा पृथ्वी पर विकिरण के माध्यम से ही आती है
विशिष्ट ऊष्मा (Specific Heat)- किसी पदार्थ की विशिष्ट ऊष्मा, ऊष्मा की वह मात्रा है जो पदार्थ के एकांक द्रव्यमान के ताप में एकांक वृध्दि करने के लिये आवश्यक है
★किसी पदार्थ के एकांक द्रव्यमान का ताप 1℃ बढ़ाने के लिए आवश्यक ऊष्मा की मात्रा को विशिष्ट ऊष्मा कहते हैं
मात्रक- जूल/किग्रा-केल्विन या कैलोरी/ग्राम℃
■ जल की विशिष्ट ऊष्मा सबसे ज्यादा तथा पारे की सबसे कम होती है
अब बात आती है ताप (Temperature) की-
ताप (Temperature)-
किसी वस्तु की गर्माहट तथा ठंडक का मापन ताप कहलाता है जब दो वस्तुएं सम्पर्क में होती है तथा उनका ताप अलग अलग होता है तो उनमें ऊष्मा का प्रवाह सदैव उच्च ताप वाली वस्तु से निम्न ताप वाली वस्तु की ओर होता है
ताप किसी वस्तु का वह गुण है जिससे हमें यह पता चलता है कि वस्तु किसी अन्य दी गयी वस्तु के साथ तापीय साम्य में है अथवा नही ,
■ वस्तु के ताप को मापने के लिए जिस यंत्र का प्रयोग किया जाता है उसे थर्मामीटर कहते हैं इसमें पारे का उपयोग किया जाता है
■ मानव शरीर का तापमान 37℃ या 98.4F होता है
■ -40℃ पर ताप सेल्सियस या फारेनहाइट में समान होता है
■ पाइरोमीटर से सूर्य का ताप मापा जाता है सूर्य का तापमान 107 केल्विन होता है
■ किसी भी वस्तु का ताप -273.15℃ से कम नही हो सकता है इसे परम शून्य ताप कहते हैं इसे कैल्विन पैमाने पर 0K लिखते हैं
विभिन्न पैमानों में सम्बन्ध का सूत्र-
【C/5= F-32/9=K-273/5=R/4=Ra-460/10.6】
यहाँ C मतलब सेल्सियस, F मतलब फारेनहाइट, K मतलब केल्विन, R मतलब रयूमर तथा Ra मतलब रैंकाइन है
विभिन्न प्रकार के तापमापी पैमाने-
● सेल्सियस- इसमें तापमान को ℃ में प्रदर्शित करते हैं तथा इसमें 100 भाग होते हैं
● फारेनहाइट- इसमें तापमान को F से प्रदर्शित करते हैं तथा इसमें 180 भाग होते हैं
● रयूमर- इसमें तापमान को R से प्रदर्शित करते हैं तथा इसमें 80 भाग होते हैं
●कैल्विन- इसमें तापमान को K से प्रदर्शित करते हैं तथा इस पैमाने में भी 100 भाग होते हैं
● रैंकाइन- इसमें तापमान को Ra से प्रदर्शित करते हैं तथा इसमें 212 भाग होते हैं
धन्यवाद
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