Hello दोस्तों,
स्वागत है आपका हमारे ब्लॉग में,
सबसे पहले अगर आपने मेरी पहली पोस्ट नही पढ़ी है तो वो जरूर पढ़े मात्रक और मापन क्या है? क्या होती है भौतिक राशियाँ..अदिश एवं सदिश…
अब आज की पोस्ट में बात करने वाले हैं गति (Motion) और इसके प्रकार एवं इसके नियमों के बारे में….
सबसे पहले तो आपको समझना होगा गति (Motion) है क्या?
गति- जब कोई वस्तु समय के सापेक्ष अपना स्थान परिवर्तित करती है तो उसे हम गति कहते हैं
स्थिति में परिवर्तन-"गति"
अर्थात किसी वस्तु के पूरे भाग में या किसी एक भाग में समय के साथ परिवर्तन हो रहा हो तो भी वह गति कहलाती है
अब आप सोचने लगे होंगे कि वस्तु के एक भाग में मतलब..? हाँ.. किसी के हिस्से में परिवर्तन होता हो तब भी वह Motion कहलाता है !
उदाहरण- सड़क पर चलती कार, चलती हुई बस, क्रिकेट के मैदान में गेंद की गति, घड़ी का पेंडुलम, झूला इत्यादि
अब समझते हैं गति के प्रकार के विषय मे,
गति के प्रकार (Types of Motion)-
गति के निम्नलिखित प्रकार होते हैं-
सबसे पहले साधारण तरीके से दो प्रकार में बांटा गया है-
जब कोई वस्तु एकसमान वेग के साथ समान समयान्तरालों में समान दूरी तय करती है तो वह एकसमान गति कहलाती है,
एकसमान गति का मतलब समय के प्रत्येक भाग में तय की गई दूरी समान हो
उदाहरण- घड़ी, सूर्य के चारो तरफ घूमती पृथ्वी आदि
2. असमान गति (Non-Uniform Motion)-
जब कोई वस्तु समान समयान्तरालों में असमान दूरी तय करती है तो वह असमान गति कहलाती है,
असमान गति का मतलब समय के एक घण्टे या एक सेकंड में तय दूरी और अगले घण्टे या सेकंड में तय दूरी से अलग हो
उदाहरण- रेलगाड़ी, बस की गति, मक्खी का उड़ना, किसी व्यक्ति का सड़क पर चलना आदि
दूसरी तरीके से अगर हम बांटे तो वो है दिशाओं के अनुसार-
1. एक आयामी (विमीय / Dimensional) गति-
जब किसी वस्तु की गति एक सरल रेखा में हो तो उसे एक आयामी या एक दिशीय गति कहते हैं
इसे सरल रेखीय गति भी कहते हैं
या जब वस्तु की गति ऋजुरेखीय हो तो उसे भी "One Dimensional Motion" ही कहते हैं
इसमें वस्तु किसी एक अक्ष के सापेक्ष गति करती है
उदाहरण- सीधे हाइवे पर चलती कार, पाइप में डाली गई गेंद आदि
2. दो आयामी (विमीय / Dimensional) गति-
जब किसी वस्तु की गति किसी तल पर वक्रीय हो तो उसे द्विविमीय गति कहते हैं
इसे वृत्तीय या वक्रीय गति भी कह सकते हैं
अर्थात वस्तु की स्थिति दो अक्षों के सापेक्ष बदल रही हो तो उसे दो आयामी गति कहते हैं
उदाहरण- जमीन पर चींटी की गति, हाथ से प्रक्षेपित गेंद आदि
3. तीन आयामी (विमीय / Dimensional) गति-
जब किसी वस्तु की स्थिति में तीनों अक्षों के सापेक्ष परिवर्तन हो रहा हो तो वह त्रिविमीय गति कहलाती है
यह गति किसी तल में नही हो सकती..
उदाहरण- आकाश में पतंग की गति, हवाई जहाज की गति, मक्खी की गति आदि
वैज्ञानिक भाषा में गति के प्रकार निम्नलिखित है:-
1. रेखीय गति (Linear Motion)-
जब कोई वस्तु किसी सरल रेखा के अनुदिश गति करे तो उसे रेखीय/सरल रेखीय गति कहते हैं
उदाहरण- धावक की गति, पेड़ से गिरता फल आदि
जब कोई वस्तु वृत्ताकार मार्ग में गति करती तो उसे वृत्तीय गति कहते हैं
उदाहरण- पृथ्वी के चारो तरफ चंद्रमा की गति, धागे में पत्थर बांधकर घुमाए आदि
3. घूर्णन गति (Rotational Motion)-
जब कोई वस्तु अपने अक्ष के चारो तरफ घूमती है तो वह घूर्णन गति कहलाती है
उदाहरण- इसका मुख्य उदाहरण पृथ्वी का अपनी अक्ष पर घूमना है, पंखे का घूमना आदि
4. दोलनी गति (Oscillation Motion)-
जब कोई पिंड किसी निश्चित बिंदु के इधर-उधर अपनी गति को बार-बार दोहराता है तो उसे दोलनी गति या कम्पन्न कहते हैं
उदाहरण- घड़ी में पेंडुलम की गति, सरल लोलक की गति, स्प्रिंग में लटका पिंड आदिजब कोई वस्तु एक निश्चित समयान्तराल पर और निश्चित पथ पर खुद की गति को दोहराता है तो उसे आवर्त/आवर्ती गति कहते हैं
उदाहरण- सिलाई मशीन में सुई की गति या घड़ी में सुई की गति आदि
6. प्रक्षेप्य गति (Projectile Motion)-
जब किसी वस्तु को नगण्य वायु प्रतिरोध में पृथ्वी के गुरुत्वीय क्षेत्र में किसी कोण पर फेंका जाता है तो वह गुरुत्वीय त्वरण के अधीन एक वक्रीय पथ पर गति करता है उसे ही प्रक्षेप्य गति कहते हैं
जिस पथ पर वह गति करती है उसे प्रक्षेप पथ कहा जाता है ,कोण 90° नही होता नही तो सरल रेखीय गति कहा जाता है
उदाहरण- फुटबॉल को किक करना, तोप से छूटा गोला, भाला फेंकना आदिअब गति से सम्बंधित कुछ मूलभूत पद-
■ दूरी- किसी वस्तु द्वारा तय किये गए पथ की कुल लम्बाई दूरी कहलाती है
■ चाल- किसी वस्तु द्वारा एकांक समय में तय की गई दूरी को चाल कहते हैं
चाल=दूरी/समय
■ वेग- किसी वस्तु द्वारा एकांक समयान्तराल में तय किया गया विस्थापन, वेग कहलाता है
वेग= विस्थापन/समय
अब बात कर लेते हैं गति के नियम की…
गति के नियम (Law of Motion)-
सर आइजेक न्यूटन ने 1687 में सबसे पहले गति के तीन नियम दिए, उनके अनुसार गति के तीन नियम होते हैं जो निम्नलिखित है-
★ प्रथम नियम~
इस नियम को जड़त्व का नियम या law of Inertia भी कहते हैं इस नियम के अनुसार-
यदि कोई वस्तु विरामावस्था में है तो वह विरामावस्था में ही रहेगा यदि कोई वस्तु किसी सरल रेखा में समान चाल से चल रही है तो वह ऐसी ही चलती रहेगी जब तक उस पर कोई बाह्य बल न लगाया जाए
इसे जड़त्व या गैलीलियो का नियम भी कहा जाता है
उदाहरण- आकाश में पिंडो की गति
★ द्वितीय नियम~
इस नियम को "संवेग का नियम" भी कहते हैं
किसी वस्तु के संवेग परिवर्तन की दर उस पर लगाये गए बल के समानुपाती होती है, तथा संवेग परिवर्तन की दिशा वही होती है जो बल की दिशा होती है ,
किसी वस्तु पर कार्य करने वाले बल का मान वस्तु के द्रव्यमान और वस्तु में उत्पन्न त्वरण के गुणनफल के बराबर होता है
F= m. a
बल= द्रव्यमान×त्वरण
उदाहरण- क्रिकेट खिलाड़ी गेंद को कैच करते समय अपने हाथों को थोड़ा पीछे कर लेता है
★ तीसरा नियम~
इस नियम को "क्रिया-प्रतिक्रिया का नियम" भी कहते हैं प्रत्येक क्रिया के बराबर और विपरीत दिशा में प्रतिक्रिया होती है न्यूटन का तीसरा नियम कहलाता है
उदाहरण- रॉकेट का प्रक्षेपण, बंदूक से छूटी गोली आदि
गति के समीकरण-
गति के मुख्यता तीन समीकरण होते हैं-
1. v=u+at
2.s=ut+1/2at2
3.v2=u2+2as
जहां u= प्रारंभिक वेग,
v= अंतिम वेग,
a= त्वरण,
t= समय,
s= तय की गई दूरी
विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में पूछे गए प्रश्न-
1. राकेट किस सिद्धांत पर कार्य करता है (NTPC)
उत्तर- न्यूटन के तीसरे नियम पर
2. न्यूटन के प्रथम नियम को कहा जाता है?
उत्तर- गैलीलियो का नियम या जड़त्व का नियम
Daily test-Link
धन्यवाद
Join me for update-Join
Join Special Science Whatsapp Group-Link
0 टिप्पणियाँ