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यदि आप भी किसी प्रतियोगी परीक्षा जैसे-रेलवे/एसएससी/शिक्षक भर्ती/UPP/Army/Bank etc की तैयारी कर रहे हैं और आप साइंस पढ़ना चाह रहे तो मैं 25-30 दिन में सारे टॉपिक cover करवा दूंगा..
दोस्तो आज हमने पढ़ने वाले हैं मात्रक (Unit) और मापन (Measurement)
बिल्कुल point to point Material उपलब्ध कराऊंगा..
सबसे पहले आपको जानना जरूरी है मापन (Measurement)
हम अपने चारों तरफ वातावरण में अनेक तरह की वस्तुएं दिखाई पड़ती है जैसे- छड़, घर, पेड़, खेत, सिलेण्डर, बक्सा etc ,शुरू से ही इंसानों को मापने की इच्छा रही है इनकी मात्रा को कैसे नापा जाए?
किसी भौतिक राशि (Physical Quantity) की मात्रा का पता लगाने को ही मापन कहा जाता है..
मात्रक (Unit)-
उस भौतिक राशि को मापने के लिए या मात्रा का पता लगाने के लिए जो निश्चित परिमाण उपयोग में लिया था वही "मात्रक" कहलाता है
वैसे तो भौतिक राशि का निश्चित मानक से तुलना ही की जाती है
राशियाँ दो प्रकार की होती है:-
1. मूल राशियाँ,
2. व्युत्पन्न राशियाँ
★ मूल राशियाँ- जो राशियाँ पूरी तरह से स्वतंत्र हो जो किसी दूसरी राशियों से मिलकर न बनी हो "मूल राशियाँ" कहलाती है !
"वैसे तो अंतर्राष्ट्रीय मात्रक प्रणाली (S. I.) ही उपयोग में ली जाती है जो अत्याधुनिक है"
S.I. प्रणाली के अनुसार, सात मूल राशियां होती है:-
(i). लंबाई
(ii). द्रव्यमान
(iii). समय
(iv). विद्युत धारा
(v). ताप
(vi).ज्योति-तीव्रता
(vii).पदार्थ की मात्रा
★ व्युत्पन्न राशियाँ- जिन राशियों को दो या दो से अधिक राशियों में तोड़ा जा सके या जो दो या दो से अधिक मूल राशियो से निर्मित हो "व्युत्पन्न राशियाँ" कहलाती है !
इनकी संख्या निश्चित नही है
जैसे- आयतन, घनत्व, वेग, त्वरण, बल, कार्य, शक्ति, संवेग, ऊष्मा, प्रतिबल, दाब, प्रत्यास्थता, क्षेत्रफल आदि
अब जैसे वेग है तो वेग मतलब विस्थापन/समय,
विस्थापन हमेशा लम्बाई में होगा और समय है ही तो ये दो मूल राशि से मिलकर बनी है इसलिए व्युत्पन्न राशि कहलाएगी !
मात्रक:- S.I. प्रणाली में मात्रक भी दो प्रकार के ही होते हैं:-
1. मूल मात्रक
2.व्युत्पन्न मात्रक
★ मूल मात्रक- S. I. प्रणाली में सात मूल राशियो को मापने के लिये सात मात्रक बताए गए हैं जो मूल मात्रक कहलाते हैं इसके साथ साथ दो पूरक मात्रक भी है
★ व्युत्पन्न मात्रक- जो दो या दो से अधिक मूल मात्रकों से मिलकर बने हो व्युत्पन्न मात्रक कहलाते हैं:-
जैसे-
1.आयतन- लम्बाई×चौड़ाई×ऊंचाई मतलब मीटर×मीटर×मीटर= मीटर3 या m3
2. घनत्व- द्रव्यमान/आयतन ,मात्रक- किलोग्राम/मीटर3= kg/m3
3. वेग- विस्थापन/समय, मात्रक- मीटर/सेकंड = m/s
4. त्वरण- वेग-परिवर्तन/समय, मात्रक-मीटर/सेकंड/सेकंड= m/sec.
● इस प्रकार हम समझ सकते हैं कि ये सब व्युत्पन्न मात्रक है जो दो या दो से अधिक मूल मात्रको से निर्मित है !
भौतिक राशियाँ:- भौतिक राशियाँ दो प्रकार की होती है:-
1.अदिश राशि (Scalar)
2.सदिश राशि (Vector)
Ex- द्रव्यमान, दूरी ,समय, चाल,आयतन, गति, समय, ऊर्जा,विद्युत धारा, ताप, दाब, शक्ति, आवेश, विभव, विशिष्ट ऊष्मा, आवृत्ति आदि
सदिश राशि- वे भौतिक राशियाँ जिनमे परिमाण के साथ साथ दिशा भी होती है तथा जो वेक्टर नियमो (त्रिभुज विधि/समांतर चतुर्भुज विधि का योग) का पालन करती है सदिश राशियाँ कहलाती है
Ex-विस्थापन, वेग,त्वरण, बल,भार, संवेग, आवेग, वैद्युत क्षेत्र, चुम्बकीय बल-क्षेत्र, धारा-घनत्व,बल-आघूर्ण आदि
Note- वैद्युत धारा में परिमाण व दिशा दोनो होती है लेकिन फिर भी वो अदिश राशि है क्योकि दो धाराओं का योग समांतर चतुर्भुज के नियम का पालन नही करता
विमा- किसी भौतिक राशि की विमायें वे घातें होती है जिन्हें उस राशि के मात्रक को व्यक्त करने के लिए मूल मात्रकों पर चढ़ाते हैं
इसमें मात्रको को L, M, T और Θ से प्रदर्शित करते हैं
L- लम्बाई
M- द्रव्यमान
T- समय
Θ- तापमान
कुछ महत्वपूर्ण विमीय सूत्र:-
1. क्षेत्रफल- लम्बाई×चौड़ाई= 【L×L】= 【L2】
2. आयतन- लम्बाई×चौड़ाई×ऊंचाई= 【L×L×L】= 【L3】
3. वेग या चाल- विस्थापन या दूरी/समय= 【L/T】= 【LT-1】
4. त्वरण- वेग-परिवर्तन/समय= 【LT-1】/ 【T】= 【LT-2】
5. बल- द्रव्यमान×त्वरण= 【M】【LT-2】= 【MLT-2】
6. दाब- बल/क्षेत्रफल= 【MLT-2】/【L2】=【M L-1 T-2】
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