संविधान:-22 भाग
भारत का संविधान, भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ, यह दिन भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है। जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
● संविधान के अनुच्छेद
■ भाग:-1. संघ और उसका राज्य क्षेत्र
अनुच्छेद 1 :-संघ का नाम और राज्य क्षेत्र
अनुच्छेद 2 :-नये राज्यों का प्रवेश एवं स्थापना
अनुच्छेद 2 ‘क’:- निरसित
अनुच्छेद 3:- नए राज्यों का निर्माण और वर्तमान राज्यों के क्षेत्रों, सीमाओं या नामों में परिवर्तन
अनुच्छेद 4:- पहली अनुसूची और चौथी अनुसूची के संशोधन तथा अनुपूरक,
अनुबंधिक और पारिणामिक विषयों का उपबन्ध करने के लिये ,अनुच्छेद 2 व 3 के अधीन बनाई गई विधियाँ
■ भाग:-2.नागरिकता
अनुच्छेद 5 :-संविधान के प्रारंभ पर नागरिकता
अनुच्छेद 6:-पाकिस्तान से भारत को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
अनुच्छेद 7:- पाकिस्तान को प्रव्रजन करने वाले कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
अनुच्छेद 8:-भारत के बाहर रहने वाले भारतीय उद्भव के कुछ व्यक्तियों के नागरिकता के अधिकार
अनुच्छेद 9:- विदेशी राज्य को नागरिकता स्वेच्छा से अर्जित करने वाले व्यक्तियों का नागरिक न होना
अनुच्छेद 10:-नागरिकता के अधिकारों का बना रहना
अनुच्छेद 11:- संसद द्वारा नागरिकता के अधिकार का विधि द्वारा विनियमन किया जाना
■ भाग:-3. मूल अधिकार
अनुच्छेद 12:-परिभाषा
अनुच्छेद 13:- मूल अधिकारों से असंगत या
उनका अल्पीकरण करने वाली विधियाँ
अनुच्छेद 14:- विधि के समक्ष समता
अनुच्छेद 15:- धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग, जन्म स्थान के आधार पर विभेद का प्रतिरोध
अनुच्छेद 16:- लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता
अनुच्छेद 17:- अस्पृश्यता का अंत
अनुच्छेद 18:- उपाधियों का अंत
अनुच्छेद 19:- वाक् - स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण
अनुच्छेद 20:- अपराधों के लिये दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण
अनुच्छेद 21 :- प्राग और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण
'क'- 6-14 वर्ष के बालको का शिक्षा का अधिकार
अनुच्छेद 22:- कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध में संरक्षण
अनुच्छेद 23:- मानव के दुर्व्यापार और बलात् श्रम का प्रतिदेय
अनुच्छेद 24:- कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रति
अनुच्छेद 25:- अन्तःकरण की और धर्म के अबाध रूप से मानने, आचरण
और प्रचार करने की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 26:-धार्मिक कार्यों के प्रबंधन की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 27:- किसी विशिष्ट धर्म की अभिवृद्धि के लिये करों के संदाय के बारे में अनुच्छेद
अनुच्छेद 28 :- कुछ शिक्षण संस्थानों में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना में उपस्थित होने के बारे मे स्वतंत्रता
अनुच्छेद 29:- अल्पसंख्यक वर्गों के हितों का संरक्षण
अनुच्छेद 30:- शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार
अनुच्छेद 31:- निरसित
अनुच्छेद 31 ‘क’:- सम्प्रदायों आदि के अर्जन के लिये उपबन्ध करने वाली विधियों
की
अनुच्छेद 31 'ख' :- कुछ अधिनियमों और विनियमों का विधिमान्यकरण
अनुच्छेद 31 ’ग’:- कुछ निर्देशक तत्वों को प्रभावी करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
अनुच्छेद 31 घ- निरसित
अनुच्छेद 32:- इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों को परिवर्तित कराने के लिये उपचार
(संविधान की आत्मा)
अनुच्छेद 32 'क' :- निरसित
अनुच्छेद 33 :- इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों का, बलों आदि को लागू होने में,
करने की संसद की शक्ति
अनुच्छेद 34:- जब किसी क्षेत्र में सेना विधि प्रवृत्त है तथा इस भाग द्वारा
प्राप्त अधिकारों पर निर्बन्धन
अनुच्छेद 35:- इस भाग के उपबन्धों को प्रभावी करने के लिये विधान
■ भाग 4.राज्य के नीति निर्देशक तत्व
अनुच्छेद 36:- परिभाषा
अनुच्छेद 37:- इस भाग में अनर्विष्ट तत्वों का लागू होना
अनुच्छेद 38:- राज्य लोक कल्याण की अभिवृद्धि के लिये सामाजिक व्यवस्था बनाएगा
अनुच्छेद 39:- राज्य द्वारा अनुसरणीय कुछ
नीति तत्व
अनुच्छेद 39 क:- समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता
अनुच्छेद 40:- ग्राम पंचायतों का संगठन
अनुच्छेद 41:- कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार
अनुच्छेद 42:- काम की न्यायसंगत और मानबोधित दशाओं का तथा प्रसूति सहायता का उपबन
अनुच्छेद 43 :- कर्मकारों के लिये निर्वाह मजदूरी आदि
अनुच्छेद 43 'क' :- उद्योगों के प्रबन्ध में कार्यकारी का भाग लेना
अनुच्छेद 44:- नागरिकों के लिये एक समान
अनुच्छेद 45:-बालको के लिये निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का उपबंध
अनुच्छेद 46:- अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य दुर्बल वर्गो के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि
अनुच्छेद 47:- पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य
■ भाग 4 'क'. मौलिक कर्तव्य
अनुच्छेद 51 'क' :- मूल कर्तव्य
■ भाग 5 . संघ
★ अध्याय 1 - कार्यपालिका
अनुच्छेद 52:- भारत का राष्ट्रपति
अनुच्छेद 53:- संघ की कार्यपालिका शक्ति
अनुच्छेद 54:- राष्ट्रपति का निर्वाचन
अनुच्छेद 55:- राष्ट्रपति के निर्वाचन की रीति
अनुच्छेद 56: - राष्ट्रपति की पदावधि
अनुच्छेद 57:- पुनर्निर्वाचन के लिये पात्रता
अनुच्छेद 58:- राष्ट्रपति निर्वाचित होने के लिये अर्हतायें
अनुच्छेद 59:- राष्ट्रपति पद के लिये शर्ते
अनुच्छेद 60:- राष्ट्रपति द्वारा शपथ का प्रतिज्ञान
अनुच्छेद 61:- राष्ट्रपति पर महाभियोग चलाने की प्रक्रिया
अनुच्छेद 62:-राष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय हर आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
अनुच्छेद 63:- भारत का उप-राष्ट्रपति
अनुच्छेद 64:- उपराष्ट्रपति का राज्यसभा का पदेन राष्ट्रपति होना
अनुच्छेद 65:- राष्ट्रपति के पद में उपराष्ट्रपति का राष्ट्रपति के रूप में कार्य करना या उसके कृत्यों का निर्वहन
अनुच्छेद 66:- उपराष्ट्रपति का निर्वाचन
अनुच्छेद 67:- उपराष्ट्रपति की पदावधि
अनुच्छेद 68:- उपराष्ट्रपति के पद में रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचन करने का समय और आकस्मिक रिक्ति को भरने के लिए निर्वाचित व्यक्ति की पदावधि
अनुच्छेद 69:- उपराष्ट्रपति द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
अनुच्छेद 70:- अन्य आकस्मिताओ में राष्ट्रपति में कृत्यों का निर्वहन
अनुच्छेद 71:- राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति के निर्वाचन से सम्बंधित या संशक्त विषय
अनुच्छेद 72:- क्षमा आदि की और कुछ मामलों में दण्डादेश के निलंबन, परिहार का लघुकरण की राष्ट्रपति की शक्ति
अनुच्छेद 73:- संघ की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
अनुच्छेद 74:- राष्ट्रपति की सहायता और सलाह देने कब लिए मंत्रिपरिषद
अनुच्छेद 75:-मंत्रियों के बारे में अन्य उपबन्ध
अनुच्छेद 76:- भारत का महान्यायवादी
अनुच्छेद 77:-भारत सरकार के कार्य का संचालन
अनुच्छेद 78:- राष्ट्रपति की जानकारी आदि देने के सम्बंध में प्रधानमंत्री के कर्तव्य
★ अध्याय:-2 संसद
अनुच्छेद 79:- संसद का गठन
अनुच्छेद 80:- राज्यसभा की संरचना
अनुच्छेद 81:-लोकसभा की संरचना
अनुच्छेद 82:- प्रत्येक जनगणना के अनुसार पुनः समायोजन
अनुच्छेद 83:- संसद के सदनों की अवधि
अनुच्छेद 84:- संसद के सदस्यता के लिये अर्हता
अनुच्छेद 85:- संसद के सम, सत्रावसान और विघटन
अनुच्छेद 86:- सदनों में अभिभाषण का और उनके संदेश भेजने का राष्ट्रपति का अधिकार
अनुच्छेद 87:- राष्ट्रपति का
का विशेष
अनुच्छेद 88:- सदनों के बारे में मंत्रियों और महान्यायवादी के अधिकार
अनुच्छेद 89:- राज्यसभा का सभापति और उपसभापति
अनुच्छेद 90:- उपसभापति का पद रिक्त होना, पदत्याग और पद से हटाया जाना
अनुच्छेद 91:- सभापति के पद के
कर्तव्यों का पालन करने या सभापति के
रूप में कार्य करने की उप-सभापति या अन्य व्यक्ति की शक्ति
अनुच्छेद 92:- जब सभापति या उप-सभापति का पद से हटाने का कोई संकल्प विचाराधीन हैं तब उसका पीठासीन न होना।
अनुच्छेद 93: - लोकसभा का अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
अनुच्छेद 94:- अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पद त्याग और पद से हटाया जाना
अनुच्छेद 95:- अध्यक्ष के पद के कर्तव्यों का पालन करने या अध्यक्ष के रूप में कार्य करने की उपाध्यक्ष या अन्य व्यक्ति की शक्ति
अनुच्छेद 96:- जब अध्यक्ष या उपाध्यक्ष को पद से उनका का कोई सम्बन्ध विचाराधीन है तब उसका पीठासीन न होना
अनुच्छेद 97:- सभापति और उपसभापति तथा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के वेतन और भत्ते
अनुच्छेद 98 :- संसद का सचिवालय
अनुच्छेद 99 :- सदस्यों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
अनुच्छेद 100:- सदनों में मतदान, रिक्तियों के होते हुये भी सदनों की कार्य करने की शक्ति
अनुच्छेद 101: - सीटों का रिक्त होना
अनुच्छेद 102:- सदस्यता के लिये निर्हर्ताये
अनुच्छेद 103: - सदस्यों की निरर्हताएं से सम्बंधित प्रश्नों पर
अनुच्छेद 104:- अनुच्छेद 99 के अधीन शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से पहले या अर्जित
अनुच्छेद 105:- संसद के सदनों की तथा उनके सदस्यों और समितियों की शक्तियां, विशेषाधिकार आदि
अनुच्छेद 106:- सदस्यों के वेतन और भत्ते
अनुच्छेद 107:- विधेयकों के पुनर्स्थापित और पारित किये जाने के उपबन्ध में
अनुच्छेद 108:- कुछ दशाओं में दोनों सदनों की संयुक्त बैठक
अनुच्छेद 109:- धन विधेयकों के सम्बन्ध में विशेष प्रक्रिया
अनुच्छेद 110:- 'धन विधेयक' की परिभाषा
अनुच्छेद 111:-विधेयकों की अनुमति
अनुच्छेद 112:- वार्षिक वित्तीय विवरण
अनुच्छेद 113:- संसद में प्रावक्कलों के संबंध में प्रक्रिया
अनुच्छेद 114: - विनियोग विधेयक
अनुच्छेद 115:-अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
अनुच्छेद 116:- लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अन्य
अनुच्छेद 117:- वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबन्ध
अनुच्छेद 118: - प्रक्रिया के विषय
अनुच्छेद 119:- संसद में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा विनियमन
अनुच्छेद 120:- संसद में प्रयोग की जाने वाली भाषा
अनुच्छेद 121:- संसद में चर्चा पर निबंधन
अनुच्छेद 122:- न्यायालयों द्वारा संसद की कार्यवाही की जाँच न किया जाना
★ अध्याय :-3 राष्ट्रपति की विधायी शक्तियाँ
अनुच्छेद 123:- संसद
★ अध्याय: 4 संघ की न्यायपालिका
अनुच्छेद 124 :- उच्चतम न्यायालय की स्थापना और गठन
अनुच्छेद 125: -न्यायाधीश के वेतन आदि
अनुच्छेद 126 :- कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
अनुच्छेद 127:- तदर्थ न्यायाधीशों की नियुक्ति
अनुच्छेद 128:- उच्चतम न्यायालय की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायधीशों की
अनुच्छेद 129:- उच्चतम न्यायालय का अभिलेख न्यायालय होना ।
अनुच्छेद 130:- उच्चतम न्यायालय का स्थान
अनुच्छेद 131:- उच्चतम न्यायालय की आरंभिक अधिकारिता
अनुच्छेद 131 क: - (केन्द्रीय विधियों की संवैधानिक वैधता से सम्बंधित प्रश्नों के बारे में उच्चतम न्यायालय की अनन्य अधिकारिता) 43वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1977 की धारा 4 द्वारा निरसित)
अनुच्छेद 132:- कुछ मामलों में उच्च न्यायालयों में अपीलों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अाधिकारिता
अनुच्छेद 133:- उच्च न्यायालयों से सिविल विषयों से संबंधित अपीलों से उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
अनुच्छेद 134:- दाण्डिक विषयों में उच्चतम न्यायालय की अपीली अधिकारिता
अनुच्छेद 134 'क' :- उच्चतम न्यायालय में अपील के लिये प्रमाण-पत्र
अनुच्छेद 135: - विद्यमान विधि के अधीन संघीय न्यायालय की अधिकारिता और शक्तियों का उच्चतम न्यायालय द्वारा
अनुच्छेद 136:- अपील के लिये
अपील के लिये उच्चतम न्यायालय की विशेष इजाजत
अनुच्छेद 137:- निर्णय एवं आदेशों का पनर्विलोकन
अनुच्छेद 138:- उच्चतम न्यायालय की अधिकारिता की वृद्धि
अनुच्छेद 139:- कुछ रिट निकालने की शक्तियों का उच्चतम न्यायालय प्रदत्त किया जाना
अनुच्छेद 139 'क' : - कुछ मामलों का अंतरण
अनुच्छेद 140:- उच्चतम न्यायालय की आनुषंगिक शक्तियां
अनुच्छेद 141:- उच्चतम न्यायालय द्वारा घोषित विधि का सभी न्यायालयों पर आबद्धकर होना
अनुच्छेद 142:- उच्चतम न्यायालय की डिक्रियों और आदेशों का प्रवर्तन और प्रकटीकरण आदि के बारे में आदेश
अनुच्छेद 143:- उच्चतम न्यायालय से परामर्श करने की राष्ट्रपति की शक्ति
अनुच्छेद 144:-सिविल एवं न्यायिक पदाधिकारियों द्वारा उच्चतम न्यायालय की सहायता न्यायालय के नियम
अनुच्छेद 145: - न्यायालय के नियम आदि
अनुच्छेद 146:- उच्चतम न्यायालय के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
अनुच्छेद 147:- निर्वाचन
★ अध्याय :5 नियंत्रक और महालेखा परीक्षक
अनुच्छेद 148:- भारत का नियंत्रक महालेखा परीक्षक
अनुच्छेद 149:- नियंत्रक महालेखा परीक्षक के कर्तव्य शक्तियां
अनुच्छेद 150 :- संघ के राज्यों के लेखन का प्रारूप
अनुच्छेद 151:- संपरीक्षा प्रतिवेदन
■ भाग 6 - राज्य
अनुच्छेद 152:- राज्य की परिभाषा
अनुच्छेद 153:- राज्यपाल का उल्लेख
अनुच्छेद 154:- राज्य की कार्यपालिका शक्तियाँ राज्यपाल में निहित होगी
अनुच्छेद 155:-राज्यपाल की नियुक्ति
अनुच्छेद 156:- राज्यपाल का कार्यकाल
अनुच्छेद 157:- राज्यपाल की योग्यताएँ अनुच्छेद 158:- राज्यपाल के पद की शर्तें
अनुच्छेद 159:- राज्यपाल की शपथ का उल्लेख
अनुच्छेद 160:- कुछ आकस्मिकता में राज्यपाल के कृतियों का निर्वहन
अनुच्छेद 161:- राज्यपाल की क्षमादान संबंधित शक्तियाँ
अनुच्छेद 162:- राज्य की कार्यपालिका शक्ति का विस्तार
अनुच्छेद 163: - राज्यपाल की सहायता और सलाह के लिये मंत्रिपरिषद का उल्लेख
अनुच्छेद 164:- मंत्रियों के बारे में अन्य उपबंध'
अनुच्छेद 165:- राज्य का महाधिवक्ता
अनुच्छेद 166:- राज्य की सरकार के कार्य का संचालन
अनुच्छेद 167:- राज्यपाल को जानकारी देने के संबंध में मुख्यमंत्री के कर्तव्य
अनुच्छेद 168:- राज्यों के विधानमंडलों के गठन का प्रावधान
अनुच्छेद 169:- राज्यों में विधान परिषदों का बनाना और भंग करना
अनुच्छेद 170 :- विधानसभाओं की संरचना' का उल्लेख
अनुच्छेद 171:- विधानपरिषदों की संरचना का उल्लेख
अनुच्छेद 172: - राज्यों के विधानमंडलों की अवधि का उल्लेख
अनुच्छेद 173:- विधानमंडल की सदस्यता की योग्यताये
अनुच्छेद 174: - विधानमंडल के सत्र, सत्रावसान और विघटन
अनुच्छेद 175:– राज्यपाल का सदन में अभिभाषण और संदेश का अधिकार
अनुच्छेद 176:- राज्यपाल का विशेष अभिभाषण
अनुच्छेद 177:- सदन के बारें में मंत्रियों और महाधिवक्ता के अधिकार
अनुच्छेद 178: - विधानसभा के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष
अनुच्छेद 179:- विधानसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का पद रिक्त होना, पदत्याग या पद से हटाया जाना
अनुच्छेद 180:- विधानसभा उपाध्यक्ष के अध्यक्ष के तौर पर कार्य करने की शक्तियों
अनुच्छेद 181:- जब अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष को हटाने का प्रस्ताव हो तब वे पीठासीन
अधिकारी नहीं होंगे
अनुच्छेद 182:- विधान परिषद का सभापति और उपसभापति
अनुच्छेद 183:-विधानपरिषद सभापति और उपसभापति का पद रिक्त होना, और पद
अनुच्छेद 184:-उपसभापति का सभापति के तौर पर कार्य करने की शक्तियों
अनुच्छेद 185:- जब सभापति और उपसभापति को हटाने का प्रस्ताव हो तब वे पीठासन अधिकारी नहीं होगें
अनुच्छेद 186: - अध्यक्ष और उपाध्यक्ष तथा सभापति और उपसभापति के वेतन और भत्ते
अनुच्छेद 187: - राज्य विधानमंडल का सचिवालय
अनुच्छेद 188:- विधानमंडल के सदस्यों द्वारा शपथ का उल्लेख
अनुच्छेद 189: - सदन में मतदान रिक्तियों के होते हुये भी सदनों की कार्य करने की शक्ति और गणपूर्ति
अनुच्छेद 190:- विधानमंडल में स्थानों का रिक्त होना
अनुच्छेद 191:- विधानमंडल के सदस्यों की योग्यताये
अनुच्छेद 192:- सदस्यों की योग्यताएँ से संबंधित प्रश्नों का विनिश्चय
अनुच्छेद 193:- शपथ लेने या प्रतिज्ञान करने से पहले या अयोग्य होने पर या अयोग्य होने पर बैठने और मतदान करने के लिये दंड
अनुच्छेद 194: - विधानमंडल और उनके सदस्यों की शक्तियाँ और विशेषाधिकार
अनुच्छेद 195: - विधानमंडल सदस्यों के वेतन भत्ते का उल्लेख
अनुच्छेद 196:- विधेयकों के पुर्नस्थापन और पारित किये जाने के संबंध में उपबन्ध
अनुच्छेद 197:- विधेयकों से भिन्न विधेयकों के बारे में विधान परिषद की शक्तियोँ पर निर्बधन
अनुच्छेद 198:- धन विधेयकों के संबंध में विशेष प्रक्रिया
अनुच्छेद 199:- "धन विधेयक" की परिभाषा
अनुच्छेद 200:- विधेयको पर अनुमति
अनुच्छेद 201: - विचार के लिये आरक्षित विधेयक
अनुच्छेद 202: - वार्षिक वित्तीय विवरण
अनुच्छेद 203:- विधानमंडल में प्राक्कलनों के संबंध में प्रक्रिया
अनुच्छेद 204 :- विनियोग विधेयक
अनुच्छेद 205: - अनुपूरक, अतिरिक्त या अधिक अनुदान
अनुच्छेद 206: - लेखानुदान, प्रत्ययानुदान और अपवादानुदान
अनुच्छेद 207:- वित्त विधेयकों के बारे में विशेष उपबंध
अनुच्छेद 208: - प्रक्रिया के नियम
अनुच्छेद 209: - राज्य के विधानमंडल में वित्तीय कार्य संबंधी प्रक्रिया का विधि द्वारा
विनियमन
अनुच्छेद 210 :- विधानमंडल में प्रयोग की जाने वाली भाषा
अनुच्छेद 211 :- विधानमंडल में चर्चा पर निर्बंधन
अनुच्छेद 212: - न्यायालयों द्वारा विधानमंडल की कार्यवाहियों की जांच न किया जाना
अनुच्छेद 213:- विधानमंडल के विश्रांतिकाल में अध्यादेश प्रख्याति करने की राज्यपाल की शक्ति :
अनुच्छेद 214- राज्यों के लिये उच्च न्यायालय
अनुच्छेद 215: - उच्च न्यायालयों का अभिलेख न्यायालय होना
अनुच्छेद 216 :- उच्च न्यायालयों का गठन
अनुच्छेद 217:- उच्च न्यायालय के न्यायाधीश की नियुक्ति और उसके पद की शर्ते
अनुच्छेद 218 :- उच्चतम न्यायालय से संबंधित कुछ उपबंधों का उच्च न्यायालयों का लागू होना
अनुच्छेद 219: - उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों द्वारा शपथ या प्रतिज्ञान
अनुच्छेद 220:- स्थायी न्यायाधीश रहने के पश्चात विधि व्यवसाय पर निर्बधन
अनुच्छेद 221:- न्यायाधीशों के वेतन आदि
अनुच्छेद 222:- किसी न्यायाधीश का एक उच्च न्यायालय से दूसरे उच्च न्यायालय को अंतरण
अनुच्छेद 223:- कार्यकारी मुख्य न्यायमूर्ति की नियुक्ति
अनुच्छेद 224:- अपर और कार्यकारी न्यायधीशों की नियुक्ति
अनुच्छेद 224 ‘क’:- उच्च न्यायालयों की बैठकों में सेवानिवृत्त न्यायाधीशों की नियुक्ति
अनुच्छेद 225:- विद्यमान उच्च न्यायालयों की आधिकारिकता
अनुच्छेद 226:- कुछ रिट निकालने की उच्च न्यायालय की शक्ति
अनुच्छेद 227:- सभी न्यायालयों के अधीक्षण की उच्च न्यायालय की शक्ति
अनुच्छेद 228:- कुछ मामलों का उच्च न्यायालय को अंतरण
अनुच्छेद 229:- उच्च न्यायालयों के अधिकारी और सेवक तथा व्यय
अनुच्छेद 230:- उच्च न्यायालयों की अधिकारिता का संघ राज्य क्षेत्रों में विस्तार
अनुच्छेद 231:-दो या अधिक राज्यों के लिए एक ही उच्च न्यायालय की स्थापना
अनुच्छेद 232:- लोप
अनुच्छेद 233:- जिला न्यायाधीशों की नियुक्ति
अनुच्छेद 234:- न्यायिक सेवा में जिला न्यायाधीशों से भिन्न व्यक्तियों की भर्ती
अनुच्छेद 235:- अधीनस्थ न्यायालयों पर नियंत्रण
अनुच्छेद 236:- निर्वचन
अनुच्छेद 237:- कुछ वर्ग या वर्गों के मजिस्ट्रेटों पर इस अध्याय के उपबन्धों का लागू होना
अनुच्छेद 238:- निरसित
■ भाग-8 (संघ राज्य क्षेत्र)
अनुच्छेद 239:- संघ राज्य क्षेत्रोँ के प्रशासन का उल्लेख
अनुच्छेद 240 :- कुछ संघ राज्य क्षेत्रों के लिये भी विनियम बनाने की राष्ट्रपति की शक्ति
अनुच्छेद 241 :- संघ राज्य क्षेत्रों के लिये उच्च न्यायालय का प्रावधान
■ भाग-9 (पंचायत)
अनुच्छेद 243:- परिभाषाएँ
अनुच्छेद 243 क :- ग्राम सभा
अनुच्छेद 243 ख :- पंचायतों का गठन
अनुच्छेद 243 ग :- पंचायतों की संरचना
अनुच्छेद 243 घ:- स्थानों का आरक्षण
अनुच्छेद 243 ड: - पंचायतों की अवधि आदि
अनुच्छेद 243 चः - सदस्यता के लिये निरर्हताएं
अनुच्छेद 243 छ :- पंचायतों की शक्तियाँ, प्राधिकार और उत्तर दायित्व
अनुच्छेद 243 ज : - पंचायतों द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्तियों और उनकी निधियों
अनुच्छेद 243 झ: - वित्तीय स्थिति के पुनर्विलोकन के लिये वित्त आयोग का गठन
अनुच्छेद 243 ञः- पंचायतों के लेखाओं की संपरीक्षा
अनुच्छेद 243 टः - पंचायतों के लिये निर्वाचन
अनुच्छेद 243 ठ:- संघ राज्य क्षेत्रों को लागू करना
अनुच्छेद 243 ड :- इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू नहीं होना
अनुच्छेद 243 ढः - विद्यमान विधियों और पंचायतों का बना रहना
अनुच्छेद 243 ण:- निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्णन
■ भाग IX A-नगरपालिकायें
अनुच्छेद 243 त :-परिभाषाएँ
अनुच्छेद 243 थ:- नगरपालिकाओं का गठन
अनुच्छेद 243 द:- नगरपालिकाओं की संरचना
अनुच्छेद 243 ध:- वार्ड समितियों, आदि का गठन और संरचना
अनुच्छेद 243 न:- स्थानों का आरक्षण
अनुच्छेद 243 पः- नगरपालिकाओं की अवधि आदि
अनुच्छेद 243 फ:-सदस्यता के लिये निरहर्ताएँ
अनुच्छेद 243 ब :- नगरपालिकाओं की शक्तियाँ, प्राधिकार और उत्तर दायित्व
अनुच्छेद 243 भः- नगरपालिकाओं द्वारा कर अधिरोपित करने की शक्ति और उनकी निधियों
अनुच्छेद 243 मः- वित्त आयोग
अनुच्छेद 243 य:- नगरपालिकाओं के लेखाओं की संपरीक्षा
अनुच्छेद 243 यक: - नगरपालिकाओं के लिये निर्वाचन
■ भाग - IX B -सहकारी समिति
अनुच्छेद 243 य ख:- संघ राज्य क्षेत्रों को लागू होना
अनुच्छेद 243 य गः - इस भाग का कतिपय क्षेत्रों को लागू न होना
अनुच्छेद 243 य घ :- जिला योजना के लिये समिति
अनुच्छेद 243 य ड: - महानगर योजना के लिये समिति
अनुच्छेद 243 य च : - विद्यमान विधियों और नगरपालिकाओं का बना रहना
अनुच्छेद 243 य छ - निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्ष का वर्णन
भाग- X- SC & ST क्षेत्र
अनुच्छेद 244- अनुसूचित क्षेत्रों और जनजाति क्षेत्रों का प्रशासन
अनुच्छेद 244 क:- असम के कुछ जनजाति क्षेत्रों को समाविष्ट करने वाला एक स्वशासी राज्य बनाने और उसके लिए स्थानीय विधानमंडल या मंत्रिपरिषद का या दोनों का सृजन
भाग-XI-संघ और राज्यों के बीच सम्बन्ध
अनुच्छेद 245:- संसद द्वारा राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों का विस्तार
अनुच्छेद 246:- संसद द्वारा और राज्य के विधान मण्डलों द्वारा बनाई गयी विधियों की विषयवस्तु
अनुच्छेद 247:- कुछ अतिरिक्त न्यायालयों की स्थापना का उपबंध करने की संसद की शक्ति
अनुच्छेद 248:-अवशिष्ट विधायी शक्तियां
अनुच्छेद 249:- राज्य सूची में क विषय के संबंध में राष्ट्रीय हित में विधि बनाने की संसद की शक्ति
अनुच्छेद 250:- यदि आपात की उद्घोषणा प्रवर्तन हो तो राज्य सूची में के विषय के संबंध में विधि
अनुच्छेद 251:- संसद द्वारा अनुच्छेद 249 तथा 250 के अधीन बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति
अनुच्छेद 252:-दो या अधिक राज्यों के लिए उनकी सहमति से विधि बनाने की संसद की शक्ति और ऐसी विधि का किसी अन्य राज्य द्वारा अंगीकार किया जाना
अनुच्छेद 253:-अंतर्राष्ट्रीय करारों को प्रभावी करने के लिए विधान
अनुच्छेद 254:- संसद द्वारा बनाई गई विधियों और राज्यों के विधान मंडलों द्वारा बनाई गई विधियों में असंगति
अनुच्छेद 255:- सिफारिशों और पूर्व मंजूरी के बारे में अपेक्षाओं को केवल प्रक्रिया के विषय बनाना
अनुच्छेद 256:- राज्यों की ओर संघ की बाध्यता
अनुच्छेद 257:- कुछ दशाओं में राज्यों पर संघ का नियंत्रण
अनुच्छेद 258:- कुछ दशाओं में राज्यों को शक्ति प्रदान करने आदि की संघ की शक्ति अनुच्छेद 258(क):- संघ को कृत्य सौंपने की राज्यों की शक्ति
अनुच्छेद 259:- निरसन
अनुच्छेद 260 :- भारत के बाहर के राज्य क्षेत्रों के संबंध में संघ की अधिकारिता
अनुच्छेद 261:- सार्वजनिक कार्य, अभिलेख और न्यायिक कार्यवाहियो
अनुच्छेद 262 - अन्तरराज्यिक नदियों या नदी दूनों के जल संबंधी विवादों का न्यायनिर्णयन
अनुच्छेद 263 :- अन्तरराज्य परिषद् के संबंध में उपबंध
■ भाग- XII-वित्त, संपत्ति, अनुबंध & छूट
अनुच्छेद 264 : - विधि के प्राधिकार के बिना करो का अधिरोपण न किया जाना
अनुच्छेद 265:- विधि के प्राधिकार के बिना करो का अधिरोपण न किया जाना
अनुच्छेद 266 :- भारत और राज्यों के संचित निधियों और लोक लेखें
अनुच्छेद 267 :- आकस्मिकता निधि
अनुच्छेद 268 : -संघ द्वारा उदग्रहीत किये जाने वाले किन्तु राज्यों द्वारा संगृहीत और विनियोजित किये जाने वाले शुल्क
अनुच्छेद 269 - संघ घरा उद्गृहीत तथा संग्रहीत किंतु राज्यों को सौंपे जाने वाले कर
अनुच्छेद 270 :- उद्गृहीत कर और उनका संघ तथा राज्यों के बीच वितरण
अनुच्छेद 271:- कुछ शुल्कों और करों परसों के प्रयोजनों के लिये अधिभार
अनुच्छेद 272 :- निरसन
अनुच्छेद 273- जूट पर और जूट उत्पादों का निर्यात शुल्क के स्थान पर अनुदान
अनुच्छेद 274 :- ऐसे कराधान पर जिसमें राज्य हितबद्ध है प्रभाव डालने वाले विधेयकों के लिये राष्ट्रपति की पूर्व सिफारिश की अपेक्षा
अनुच्छेद 275: - कुछ राज्यों की संघ अनुदान
अनुच्छेद 276:- वृत्तियों, व्यापारों, आजीविकाओं और नियोजनों पर कर,
अनुच्छेद 277:- व्यावृत्ति
अनुच्छेद 278 :- निरसन
अनुच्छेद 279 :- "शुद्ध आगम” आदि की गणना
अनुच्छेद 280: - वित्त आयोग
अनुच्छेद 281:- वित्त आयोग की सिफारिशे
अनुच्छेद 282: - संघ या राज्य द्वारा अपने राजस्व के लिये जाने वाले व्यय
अनुच्छेद 283 :– संचित निधियों, आकस्मिकता निधियों और लोक लेखाओं में जमा धनराशि की अभिरक्षा आदि
अनुच्छेद 284:- लोक सेवकों, और न्यायालयों द्वारा प्राप्त वादकर्ताओं की जमा राशियों और अन्य धनराशियों की अभिरक्षा
अनुच्छेद 285:- संघ और संपत्ति को राज्य के कराधान से छूट
अनुच्छेद 286: - माल के क्रय या विक्रय पर कर के अधिरोपण के बारे में निर्बंधन
अनुच्छेद 287: - विद्युत पर करों से छूट
अनुच्छेद 288 : - जल या विद्युत के संबंध में राज्यों द्वारा कराधान से कुछ दशाओं में छूट
अनुच्छेद 289: – राज्यों की संपत्ति और आय को संघ और कराधान से छूट
अनुच्छेद 290:- कुछ व्ययों और पेंशनों के संबंध में समायोजन
अनुच्छेद 290 क :- कुछ देवस्वम निधियों की वार्षिक संदाय
अनुच्छेद 291:-निरसन
अनुच्छेद 292 :-भारत सरकार द्वारा उधार लेना
अनुच्छेद 293:- राज्यों द्वारा उधार लेना
अनुच्छेद 294: - कुछ दशाओं में संपत्ति, आस्तियों, अधिकारों, दायित्व और बाध्यता का उत्तराधिकार
अनुच्छेद 295:- अन्य दशाओं में संपत्ति, आस्तियों, अधिकारों, दार्थियों और वाध्यताओं का उत्तराधिकार
अनुच्छेद 296:- राजगामी या व्यपगत या स्वामी बिहीन होने से प्रोदभूत संपत्ति
अनुच्छेद 297 :- राज्य क्षेत्रीय सागर खण्ड या महाद्वीपीय मग्नतट भूमि में स्थित मूल्यवान चीजों और अनन्य आर्थिक क्षेत्र संपत्ति स्रोतों का संघ में निहित होना
अनुच्छेद 298 : - व्यापार करने आदि की शक्ति
अनुच्छेद 299: - संविदाएँ
अनुच्छेद 300 :- वाद और कार्यवाहियाँ
अनुच्छेद 300 क :- विधि के प्राधिकार के बिना व्यक्तियों को संपत्ति से वंचित न किया जाना
भाग-XIII
अनुच्छेद 301 :- व्यापार, वाणिज्य और समागम की स्वतंत्रता
अनुच्छेद 302 - व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन अधिरोपित करने की संसद की शक्ति
अनुच्छेद 303:- व्यापार और वाणिज्य के संबंध में संघ और राज्यों की विधायी शक्तियों पर निर्बंधन
अनुच्छेद 304:-राज्यों के बीच व्यापार, वाणिज्य और समागम पर निर्बंधन
अनुच्छेद 305 : --विद्यमान विधियों और राज्य के एकाधिकार का उपबंध करने वाली विधियों की व्यावृत्ति
अनुच्छेद 306 :- निरसन
अनुच्छेद 307:- अनुच्छेद 301 से अनुच्छेद 304 के प्रयोजयों को कार्यान्वित करने के लिये प्राधिकारी की नियुक्ति
भाग-14 -संघ एवं राज्य के तहत सेवाएं
अनुच्छेद 308: - निर्वाचन
अनुच्छेद 309: - संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की भर्ती और सेवा की शर्तें
अनुच्छेद 310: - संघ या राज्य की सेवा करने वाले व्यक्तियों की पदावधि
अनुच्छेद 311:- संघ या राज्य के अधीम सिविल हैसियत में नियोजित व्यक्तियों का पदच्युत किया जाना या पंक्ति में अवनत किया जाना
अनुच्छेद 312:-अखिल भारतीय सेवाएँ
अनुच्छेद 312 क :- कुछ सेवाओं के अधिकारियों की सेना की शर्तों में परिवर्तन करने या उन्हें प्रतिसंहत करने की संसद की शक्ति
अनुच्छेद 313: - संक्रमण कालीन उपबंध
अनुच्छेद 314: - निरसन
अनुच्छेद 315:-संघ और राज्यों के लिये लोक सेवा आयोग
अनुच्छेद 316: - सदस्यों की नियुक्ति और पदावधि
अनुच्छेद 317:- लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य का हटाया जाना और निलंबित किया जाना
अनुच्छेद 318: - आयोग के सदस्यों और कर्मचारिवृंद की सेवा की शर्तों के बारे में विनियम बनाने की शक्ति
अनुच्छेद 319: – आयोग के सदस्यों द्वारा ऐसे सदस्य न रहने पर पद धारण करने के संबंध में प्रतिषेध
अनुच्छेद 320:- लोक सेवा आयोगों के कृत्य
अनुच्छेद 321:- लोक सेवा आयोगों के कृत्यों का विस्तार करने की शक्ति
अनुच्छेद 322: - लोक सेवा आयोगों के व्यय
अनुच्छेद 323 : - लोक सेवा आयोगों के प्रतिवेदन
भाग-XIV A -ट्रिब्यूनल
अनुच्छेद 323 क-प्रशासनिक अधिकरण
अनुच्छेद 323 ख-अन्य विषयों के लिए अधिकरण
भाग-XV-चुनाव
अनुच्छेद 324:- निर्वाचनों के अधीक्षण, निदेशन और नियंत्रण का निर्वाचन आयोग में निहित होना
अनुच्छेद 325:- धर्म, मूलवंश, जाति या लिंग के आधार पर किसी व्यक्ति का नामावली में सम्मिलित किये जाने के लिये अपात्र न होना और उसके द्वारा किसी विशेष निर्वाचक नामावली में सम्मिलित किये आने का दावा न किया जाना
अनुच्छेद 326:- लोकसभा और राज्यों की विधान सभाओं के लिये निर्वाचनों का व्यस्क मताधिकार के आधार पर होना
अनुच्छेद 327:- बिधानमंडल के लिये निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की संसद की शक्ति
अनुच्छेद 328:- किसी राज्य के विधानमंडल के लिये निर्वाचनों के संबंध में उपबंध करने की उस विधानमंडल की शक्ति
अनुच्छेद 329:- निर्वाचन संबंधी मामलों में न्यायालयों के हस्तक्षप का वर्णन
भाग - XVI -कुछ वर्गों के लिये विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 330 : - लोक सभा में बनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिये स्थानों का आरक्षण
अनुच्छेद 331:- लोक सभा में आंग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
अनुच्छेद 332: - राज्यों की विधानसभा में अनुसूचित जातियों और सामूचित जनजातियों के लिये स्थानों का आरक्षण
अनुच्छेद 333:- राज्यों की विधान सभाओं में बांग्ल भारतीय समुदाय का प्रतिनिधित्व
अनुच्छेद 334: - स्थानों के आरक्षण और विशेष प्रतिनिधित्व का साठ वर्ष के पश्चात न रहना
अनुच्छेद 335: – सेवाओं और पदों के लिये अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियो के दावे
अनुच्छेद 336: - कुछ सेवाओं में आंग्ल भारतीय समुदाय के लिये विशेष उपबंध
अनुच्छेद 337:- आंग्ल भारतीय समुदाय के फायदे के लिये शैक्षिक अनुदान के लिये विशेष उपबंध
अनुच्छेद 338:- राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग
अनुच्छेद 338 कः - राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
अनुच्छेद 339: - अनुसूचित क्षेत्रों के प्रशासन और अनुसूचित जनजातियों के कल्याण के बारे में संघ का नियंत्रण
अनुच्छेद 340: - पिछड़े वर्गों की दशाओं के अन्वेषण के लिये आयोग की नियुक्ति
अनुच्छेद 341:- अनुसूचित जातियां
अनुच्छेद 342:- अनुसूचित जनजातियां
भाग -XVII-आधिकारिक भाषा
अनुच्छेद 343: - संघ की राजभाषा
अनुच्छेद 344:- राजभाषा के संबंध में आयोग और संसद की समिति
अनुच्छेद 345: - राज्य की राजभाषा या राजभाषाएं
अनुच्छेद 346 :- एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और संघ के बीच पत्रादि की राजभाषा
अनुच्छेद 347:- एक राज्य और दूसरे राज्य के बीच या किसी राज्य और मेघ के बीच पत्रादि की राजभाषा
अनुच्छेद 348 :- उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय में और अधिनियमों, विधेयकों जाहि के लिये प्रयोग की जाने वाली भाषा
अनुच्छेद 349:- भाषा से संबंधित कुछ विधियों' अधिनियमित करने के लिये विशेष प्रक्रिया
अनुच्छेद 350 :- व्यथा के निवारण के लिये अभ्यावेदन में प्रयोग की जाने वाली भाषा
'क' -प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा
'ख'- अल्पसंख्यक वर्गो
अनुच्छेद 351:-हिंदी भाषा के विकास के लिये निर्देश
भाग - XVIII -आपातकालीन प्रावधान
अनुच्छेद 352:- आपात की उद्घोषणा
अनुच्छेद 353:- आपात की उदघोषणा का प्रभाव
अनुच्छेद 354-:- जब आपात की उदघोषणा प्रवर्तन में हैं तब राजस्वो के वितरण संबंधी उपबन्धों का लागू होना
अनुच्छेद 355:-बाह्य आक्रमण और आंतरिक अशांति से राज्य की संरक्षा करने का संघ का कर्तव्य
अनुच्छेद 356 :- राज्यों सांविधानिक तंत्र के विफल हो जाने की दशा में उपबंध
अनुच्छेद 357:- अनुच्छेद 356 के अधीन की गई उद्घोषणा के अधीन विधायी शक्तियों का प्रयोग
अनुच्छेद 358 : - आपात के दौरान अनुच्छेद 19 के उपबन्धो का निलंबन
अनुच्छेद 359 :- आपात के दौरान भाग 3 द्वारा प्रदत्त अधिकारों के प्रवर्तन का निलंबन
अनुच्छेद 360: - वित्तीय आपात के बारे में उपबंध
भाग – XIX -विविध
अनुच्छेद 361:-राष्ट्रपति और राज्यपालो और राजप्रमुख का संरक्षण
अनुच्छेद 361 कः - संसद और राज्यों के विधान मंडलों की कार्यवाहियों की प्रकाशन का संरक्षण
अनुच्छेद 361 ख : - लाभप्रद राजनीतिक पद पर नियुक्ति के लिये निरर्हता
अनुच्छेद 362 - निरसन
अनुच्छेद 363 :- कुछ संधियों, करारों आदि से उत्पन्न विवादों में न्यायालयों के हस्तक्षेप का वर्णन
अनुच्छेद 363 क:- देशी राज्यों के शासकों को दी गई मान्यता की समाप्ति और निजी धौलियों का बात
अनुच्छेद 364:-महापत्तनों और विमानक्षेत्रों के बारे में विशेष उपबंध
अनुच्छेद 365:-संघ द्वारा दिये निर्देशों का अनुपालन करो या उनको प्रभावी करने में असफलता का प्रभाव
अनुच्छेद 366:- परिभाषा
अनुच्छेद 367: - निर्वाचन
भाग- XX- संविधान में संशोधन
अनुच्छेद 368:- संविधान का संशोधन करने की संसद की शक्ति और उसके लिये प्रक्रिया
भाग-XXI -अस्थायी, सक्रमणकालीन & विशेष प्रावधान
अनुच्छेद 369: - राज्य सूची के कुछ विषयों के संबंध में तिथि बनाने की संसद की इस प्रकार अस्थायी शक्ति मानो वे समवर्ती सूची के विषय हो
अनुच्छेद 370 :- जम्मू और कश्मीर राज्य के संबंध में अस्थायी उपबंध
अनुच्छेद 371:- महाराष्ट्र और गुजरात राज्यों के संबंध में विशेष उपबंध
अनुच्छेद 371 क :- नागालैंड राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
अनुच्छेद 371 ख :- असम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
अनुच्छेद 371 ग :- मणिपुर राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
अनुच्छेद 371 घ :- आंध्र प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
अनुच्छेद 371 ड :- आंध्र प्रदेश राज्य में केंद्रीय विश्वविद्यालय की स्थापना
अनुच्छेद 371 च- मिक्किम राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
अनुच्छेद 371 छ:- मिजोरम राज्य के संबंध में
विशेष उपबंध
अनुच्छेद 371 ज :- अरुणाचल प्रदेश राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
अनुच्छेद 371 झ:- गोवा राज्य के संबंध में विशेष उपबंध
अनुच्छेद 372- विद्यमान विधियों का प्रवृत्त बने रहना और उनका अनुकूलन
अनुच्छेद 372 क :- विधियों का अनुकूलन करने की राष्ट्रपति की शक्ति
अनुच्छेद 373-निवारक निरोध में रखे गये व्यक्तियों के संबंध में कुछ दशाओं में आदेश करने की राष्ट्रपति की शक्ति
अनुच्छेद 374:- फेडरल न्यायालय के न्यायाधीशों और फेडरल न्यायालय में या सपरिषद हिज मैजेस्टी के समक्ष लंबित कार्यवाहियों के बारे में उपबन्ध
अनुच्छेद 375: - संविधान के उपबंधों के अधीन रहते हुये न्यायालयों, प्राधिकारियों और अधिकारियों का कृत्य करते रहना
अनुच्छेद 376: - उच्च न्यायालयों के न्यायाधीशों के बारे में उपबंध
अनुच्छेद 377:- भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक के बारे में उपबंध
अनुच्छेद 378 : - लोक सेवा आयोगों के बारे में उपबंध
'क'-आंध्रप्रदेश विधान सभा की अवधि के बारे में विशेष संबंध
अनुच्छेद 379-391:- निरसन
अनुच्छेद 392 :- कठिनाइयों को दूर करने की राष्ट्रपति की शक्ति
भाग- XXII
अनुच्छेद 393:- संक्षिप्त नाम
अमुच्छेद 394 - प्रारंभ
अनुच्छेद 394 क : - हिंदी भाषा में प्राधिकृत पाठ
अनुच्छेद 395: - निरसन
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